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सबसे पुरानी म्यूनसिपल’

सबसे पुरानी म्यूनसिपल’

नाहन शहर कई लिहाज से महत्वपूर्ण है। बहुत कम लोग जानते होंगे। नाहन शहर में नगर परिषद का गठन सन 1868 में किया गया था। यह परिषद कलकत्ता बाद भारत दूसरी परिषद है।

नाहन की खूबसरती इसकी स्वस्छता के पीछे छिपी है। यहां योजनाबद्ध ढंग से सीवरेज और ड्रेनेज की व्यवस्था ब्रिटिश काल और रियासत काल में ही कर दी गई थी।

एक जमाने में नाहन शहर की प्रमुख गलियों में बिछे पत्थर के चक्के इसकी परम्परागत को इंगित करते हैं। शहर में नालियों की व्यवस्था जबरदस्त तरीके से गई थी। ज्यादातर शहरों मं वर्षा के उपरांत गंदगी इकटटी हो जाती है। किन्तु यह शहर वर्षा की एक ध्ुालाई में नवीन और स्वच्छ हो जाता है। पूर्व में यहां मैला ढोने की प्रथा थी, किन्तु धीरे-धीरे यह प्रथा बंद हो गई।

नाहन की गलियां अत्यंत मशूहर हैं। यहां की गलियां दिल्ली और लखनऊ की गलियों की यादें ताजे करती हैं।

यहां गलियों मंें घुमने का अपना ही आनंद है। प्रसिद्ध गलियां नाहन की पहचान हैं। नवाब गली, कुम्हार गली, राम गली। आदि प्रसिद्ध हैं।

एक जमाने में नाहन के अधिक रास्तों और गलियों में युरोपियन स्टाईल में पत्थर के चक्के बिछाए गए थे। यद्यपि चक्कों का स्थान अब टाइलें ले रही हैं।

 

(नोटः उपलब्ध जानकारी के अनुसार हमने इस आर्टिकल को तथ्यपरक बनाने का प्रयास किया है। यदि आपको इसमें किसी तथ्य] नाम] स्थल आदि के बारे में कोई सुधार वांछित लगता है तो info@mysirmaur.com पर अपना सुझाव भेंजे हम यथासंभव इसमें सुधार करेंगे)

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