सिरमौर में पर्यावरण का युवा प्रहरी जयचंद
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15-16 साल के टीन ऐज़ में...! जहां युवा मौज-मस्ती करते हैं...! दुनिया और जहां की चिंता किए बिना...! अपने में मस्त रहते हैं...! ऐसे में सिरमौर जिला के नौहराधार क्षेत्र के एक युवा ने...! प्रकृति का अनमोल खजाना...! जल, जंगल और जमीन के प्रति...! अपने दायित्व का निर्वहन कर...! पूरे क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है..!
जब इस युवा पर्यावरण प्रेमी को। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने शिमला में एन्वायरमेंट लीडरशीप अवार्ड-2017 से सम्मानित किया। तो पूरे सिरमौर का सर फख्र से ऊंचा हो गया। अवार्ड सेरेमनी में सबसे ज्यादा चर्चा इस युवा चेहर की रही। लोग इस युवा पर्यावरण प्रेमी की ‘जंगल बुक’ की कहानी सुनने को आतुर दिखे।
जी हां...! हम बात कर रहे है! सिरमौर के राजकीय उच्च विद्यालय चोकर के एक होनहार विद्यार्थी जयचंद की। यह पर्यावरण प्रेमी! नौहराधार के भांगड़ी गांव का रहने वाला है। पर्यावरण के प्रति समपर्ण भाव ने। इस युवा को प्रदेश की राजधानी शिमला में आयोजित एक बड़े अवार्ड समारोह तक पहुंचा दिया।
जयचंद कहता है-
‘‘मैं अपने पिता श्री राम लाल की प्रेरणा से। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर। पौध रोपण कार्य को आगे बढ़ा रहा हूं...!’’
‘‘मैं अपने परिवार और दोस्तों के सहयोग से। अपने क्षेत्र में हरित आवरण को बढ़ाने में मदद कर रहा रहा हूं। मेरा प्रयास प्राकृतिक आपदा आदि के कारण। लुप्त हो रही बहुमूल्य वन संपदा को पुनर्जीवित करने का भी है।’’
वास्तव में इस युवा ने। अपने पिता की मिलिकियत भूमि पर। हर वर्ष अखरोट और अन्य 30 से 40 फलदार पौधे लगाने के अपने संकल्प को पूरा किया है।
मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र ने। शनिवार को शिमला में। एन्वायरमेंट, साईंस एण्ड टेक्नोलोजी विभाग द्वारा आयोजित अवार्ड समारोह में। जयचंद के पर्यावरण संरक्षण कार्यों की प्रशंसा करते हुए। उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
पर्यावरण प्रेमी...! जयचंद को हमारा सेल्यूट...! उनका प्रयास निश्चित तौर पर समाज के अन्य लोगो को भी जल, जंगल और जमीन को संरक्षित करने के लिए प्रेरित करेगा।
किसी शायर ने ठीक ही कहा है - ‘‘कौन कहता है...! आसमान में छेद नहीं होता...! एक पत्थर तो तबियत से उठाओ यारो...!’’